Friday, January 13, 2017

Hindustani shayari

'' जय श्री राधा कृष्ण हरे ''|
 
   'जय श्री राधे कृष्णा' मित्रो!
...दोस्तों दुनिया में गमों के मेले अक्सर लगते रहते हैं | लेकिन इन ग़मों की दुनिया में दिलवाले घबराया नहीं करते | बल्कि, वो तो ग़मों के मेलों में सदाबहार गमलों को सजाया करते हैं और शायरी की कलियों को खिलाया करते हैं | जिनके फूलों की महक महफ़िलों के दर्दे दिलों पर मरहम लगाया करती हैं | ऐसे ही फूलों को खिलाने आये हैं दीवानें .... 



 दोस्तों ! मरहम तीन तरह के होते हैं| एक वो जो बिलकुल ठीक कर देते हैं | दुसरे वो जो ठीक नहीं कर पाते और तीसरे वो जो ठीक करने की बजाय दर्द बढ़ा देते हैं | तो आप कौनसा लेना चाहेंगे ? जाहिर सी बात है पहला वाला ही लेंगे | दोस्तों दर्द दिल का हो या दिमाग़ का मरहम पहला वाला ही बढ़िया है | ये बात आपके समझ में आ गयी तो आपको ग़मों के नहीं फ़रिस्तों के मेले मिलेंगे | मतलब चारों ओर रंगीन महफ़िलों का समां | शर्त यही है की संगत सच्ची और अच्छी होनी चाहिए | आपने बचपन में एक मुहावरा सुना होगा कि - '' जैसी संगत बने वैसी रंगत ''


 उम्मीद करते हैं आप समझ गए | तो दोस्तों ! हो जाइये तैयार और कर लीजिये जिंदगी सदाबहार कुछ सच्चे और अच्छे लोगों के साथ..... |



  दोस्तों ! दुनिया में भगवान् ने कोई चीज बिना मतलब नहीं बनाई | हर चीज किसी न किसी काम की है | और आज की दुनिया में लोग काम देने वाली चीजों से ही प्यार करते हैं | तो फिर सारी वस्तुएं प्यारी ही हुईं | लेकिन फिर दुनिया में इतनी नफ़रत क्यूँ ? क्योंकि लोग सिर्फ अपना मतलब निकालने के लिए, मतलब पूरा होने तक प्यार करते हैं | जैसे - जैसे मतलब पूरा हुआ उनका प्यार करने का कोटा पूरा हो गया अब तो भूख ही नहीं बची तो खाएं क्यूँ | बस यही है मतलब की दुनिया | लेकिन इस मतलब की दुनिया में ' माँ ' एक ऐसा शब्द है जो कभी ये नहीं देखता की इस काम में मेरा मतलब सधेगा या नहीं | जिसे माँ कहते हैं लोग वो कभी नहीं सोचती की जिसको मैं पाल पोस रही हूँ, वो कभी मुझे रुलाएगा भी या कभी हंसायेगा भी | वह तो बस सुन्दर सपने संजो - संजोंकर अपना काम पूरी प्रतिभा के साथ करती जाती है और बस करती ही जाती है | लेकिन ये कमबख्त दुनिया ऐसे कम ही फरिस्ते पैदा कर पाई जो इस माँ से ही प्रेरणा लेकर उसके जैसे ही अपना हर काम निस्वार्थ भाव से कर्त्तव्य मान करते जाएँ और बस करते ही चले जायें |
मेरे प्यारे भैया बहनों आप सबको कसम है अपने आन मान और शान की आप अपनी माँ और माँ के लिए पिता को भी खुशी देने वाले कर्म करते चलोगे | आपके जीवन का लक्ष्य चाहें जो भी हासिल करना हो लेकिन आप मैय्या - बाबा का ख़याल जरूर रखें | ताकि आप के माता - पिता की आत्माओं से ऐसी दुआ- आशीर्वाद निकलने लगें की आप सफलता की नयी ऊँचाइयों को छुयें और छूते चलते जायें |
  मित्रों ! इसी मनोभावना के साथ आप दुनिया का कोई भी अच्छा काम पकड़ लीजिये आपको सफ़लता आपकी चाह और आनन्द के  साथ मिलेगी | क्योंकि ये हिन्दुस्तानी सभ्यताओं का वादा है..... 
   

                          जय श्री राधा कृष्ण हरे ||

तो चलिये दोस्तों, शुरू करते हैं एक नयी जिंदगी जिसमें-
   
 खुशियों की बहारें हैं,
 सफलताओं के पैमाने है |
 सभ्यताओं की नींव पे खड़ीं,
 मुहब्बतों की सौगातें हैं |
                                       जिंदगी की शाम में बैठे,
                                            दर्दे -दिलों को हँसा दे जो |
                                             वो 'हिन्दुस्तानी शायरी' है,
                                           जिसे शायराने अक्सर सुनाते हैं | 
                                                                       - s.k. !



जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |
जय श्री राधा कृष्ण हरे |

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